अदाणी ग्रुप ने शिक्षा मंत्रालय के इंडियन नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) के साथ मिलकर तीन दिवसीय ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव आयोजित कर रहा है जिसका उद्देश्य इंडोलॉजी यानि भारत की सभ्यता, भाषा, दर्शन, विज्ञान और सांस्कृतिक विरासत के वैश्विक अकादमिक अध्ययन को पुनर्जीवित करना है।
कार्यक्रम के दौरान गौतम अदाणी ने कहा, “एक शुरुआत के तौर पर मैं भारत नॉलेज ग्राफ के निर्माण और इस इंडोलॉजी मिशन में योगदान देने वाले विद्वानों और तकनीकी विशेषज्ञों के समर्थन के लिए 100 करोड़ रुपये के संस्थापक योगदान की घोषणा करते हुए विनम्र महसूस कर रहा हूँ। यह एक सभ्यतागत ऋण की अदायगी है।”
कॉन्क्लेव के अतिथि विशेष थे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी, ज्योतिर मठ के 46वें शंकराचार्य जिनकी आध्यात्मिक परंपरा आदि शंकराचार्य तक निर्बाध रूप से चली आती है।