अदाणी पावर ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के परिणाम जारी किए

अहमदाबाद, 30 अक्टूबर, 2025: अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल) ने आज 30 सितंबर, 2025 को समाप्त दूसरी तिमाही और छमाही के वित्तीय परिणाम जारी किए। नतीजों पर बात करते हुए, अदाणी पॉवर लिमिटेड के सीईओ एस. बी. ख्यालिया ने कहा, "अदाणी पावर ने इस तिमाही में भी मजबूत और स्थिर प्रदर्शन किया है। मौसम की वजह से माँग में उतार-चढ़ाव के बावजूद, हम अपनी संचालन क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बनाए रखने में सक्षम रहे हैं। हम बाजार में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ा रहे हैं और शक्ति योजना के तहत हमने 4.5 गीगावॉट के नए दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते (पीपीए) हासिल किए हैं। हम अपनी मजबूत लाभप्रदता और पूँजी स्थिति के साथ वर्ष 2031-32 तक 42 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमने 23.7 गीगावॉट क्षमता विस्तार परियोजना के लिए ज़मीन और महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद पूरी कर ली है और प्रोजेक्ट का काम तेज़ी से चल रहा है। हमें गर्व है कि हम भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम् भूमिका निभा रहे हैं और देश को भरोसेमंद औऱ टिकाऊ बिजली उपलब्ध कराने के अपने संकल्प पर कायम हैं।"

पावर मार्केट के अपडेट

  • मानसून मई 2025 में ही समय से पहले शुरू हो गया था और सामान्य अवधि से एक महीने से भी अधिक समय तक चलता रहा।
  • मौसम के इस असामान्य पैटर्न ने पीक और नॉन-पीक घंटों में बिजली की माँग को प्रभावित किया, जिससे मर्चेंट मार्केट में टैरिफ कम रहे।
  • इसके अलावा, वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में पड़ी भीषण गर्मी और उससे बढ़ी बिजली माँग के कारण इस वर्ष की वृद्धि दर पर 'उच्च आधार प्रभाव' का असर पड़ा।
  • इसके परिणामस्वरूप, पूरे देश में बिजली की माँग की वृद्धि दर धीमी रही। वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में यह 3.2% बढ़कर 449.2 बिलियन यूनिट दर्ज की गई, जबकि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में यह 435.1 बिलियन यूनिट थी। वहीं, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में बिजली माँग में 0.8% की वृद्धि हुई और यह 894.4 बिलियन यूनिट रही, जो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 887.5 बिलियन यूनिट से थोड़ी अधिक है।

परिचालन प्रदर्शन

पैरामीटर वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही वित्त वर्ष 25
स्थापित क्षमता (मेगावाट) 18,150 17,550 18,150 17,550 17,550
प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) 62.8% 66.9% 64.8% 72.3% 70.5%
बेची गई यूनिट्स (बीयू) 23.7 22.0 48.3 46.2 95.9

एमडब्ल्यू: मेगावाट; बीयू: बिलियन यूनिट्स

  • समेकित परिचालन क्षमता 30 सितंबर, 2024 के 17,550 मेगावाट से बढ़कर 30 सितंबर, 2025 तक 18,150 मेगावाट हो गई, जिसका मुख्य कारण 600 मेगावाट क्षमता वाली विदर्भ इंडस्ट्रीज़ पॉवर लिमिटेड का अधिग्रहण रहा।
  • बिजली की माँग में कमी के बावजूद, एपीएल ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 7.4% की वृद्धि दर्ज की, जो अधिक परिचालन क्षमता का परिणाम रही।
  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में मर्चेंट और अल्पकालिक बिक्री मात्रा 12.9% बढ़कर 5.7 बिलियन यूनिट रही, जबकि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में यह 5.0 बिलियन यूनिट थी। इसी प्रकार, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में मर्चेंट बिक्री मात्रा 10.5% बढ़कर 11.4 बिलियन यूनिट रही, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में यह 10.3 बिलियन यूनिट थी।

बिजनेस अपडेट

एपीएल ने बिहार स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीजीसीएल) के साथ 2,400 मेगावाट (सकल) क्षमता की बिजली आपूर्ति के लिए 25 वर्षों की अवधि का पॉवर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) किया है। इसकी आपूर्ति बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में स्थापित होने वाले 2,400 मेगावाट ग्रीनफील्ड अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट (यूएससीटीपीपी) से की जाएगी।

  • एपीएल को मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) से 1,600 मेगावाट (सकल) क्षमता की आपूर्ति हेतु 25 वर्ष की अवधि के लिए 2,400 मेगावाट ग्रीनफील्ड अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट (यूएससीटीपीपी), जिला अनूपपुर, मध्य प्रदेश से बिजली आपूर्ति के लिए आवंटन पत्र (एलओए) प्राप्त हुआ है।
  • इसके अलावा, एपीएल को पॉवर कंपनी ऑफ कर्नाटक लिमिटेड (पीसीकेएल) से 570.5 मेगावाट (सकल) क्षमता के लिए 25 वर्ष की अवधि हेतु आवंटन पत्र (एलओए) प्राप्त हुआ है, जिसकी आपूर्ति रायपुर स्थित 1,370 मेगावाट क्षमता वाले मौजूदा थर्मल पॉवर प्लांट से की जाएगी।
  • विदर्भ इंडस्ट्रीज़ पॉवर लिमिटेड ने महाराष्ट्र डिस्कॉम के साथ 500 मेगावाट (शुद्ध) क्षमता के लिए 5 वर्षों की अवधि का मध्यम अवधि का पॉवर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया है, जो 1 नवंबर, 2025 से पाँच वर्षों की अवधि तक प्रभावी होगा।
  • महान एनर्जेन लिमिटेड को कोयला मंत्रालय से मध्य प्रदेश के सिंगरौली स्थित धिरौली खदान में परिचालन प्रारंभ करने की अनुमति प्राप्त हुई है। इस खदान की अधिकतम उत्पादन क्षमता 6.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) और कुल भंडार 558 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) है।
  • एपीएल ने 22 सितंबर, 2025 को अपने शेयर्स का विभाजन (शेयर स्प्लिट) 1:5 अनुपात में पूरा किया, जिसके तहत प्रत्येक 10 रुपए अंकित मूल्य वाले इक्विटी शेयर को 2 रुपए अंकित मूल्य वाले पाँच इक्विटी शेयर्स में परिवर्तित किया गया। विभाजन के बाद कंपनी द्वारा जारी कुल इक्विटी शेयर्स की संख्या 3,85,69,38,941 से बढ़कर 19,28,46,94,705 हो गई।
  • इंडिया रेटिंग्स ने एपीएल की 58,000 करोड़ रुपए मूल्य की बैंक ऋण सुविधाओं के लिए 'एए (स्थिर) / ए1+' क्रेडिट रेटिंग को बरकरार रखा है।

वित्तीय प्रदर्शन

विवरण (करोड़ रुपए में) वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही परिवर्तन +/- वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही परिवर्तन +/-
परिचालन से सतत राजस्व (1) 13,106.34 12,949.12 1.21% 26,809.28 27,666.01 (3.10%)
सतत अन्य आय (2) 532.92 516.18 3.24% 998.00 850.89 17.29%
कुल सतत राजस्व 13,639.26 13,465.30 1.29% 27,807.29 28,516.90 (2.49%)
कुल रिपोर्ट किया गया राजस्व 14,307.79 14,062.84 1.74% 28,881.49 29,536.79 (2.22%)
सतत एबिट्डा 5,332.71 5,402.00 (1.28%) 11,076.87 11,692.28 (5.26%)
रिपोर्ट किया गया एबिट्डा 6,001.24 5,999.54 0.03% 12,151.07 12,712.17 (4.41%)
कर-पूर्व सतत लाभ 3,297.68 3,536.54 (6.75%) 7,096.31 8,019.70 (11.51%)
कर-पूर्व सूचित लाभ 3,966.20 4,134.08 (4.06%) 8,170.51 9,039.59 (9.61%)
कर-व्यय / (क्रेडिट) 1,059.74 836.56 26.68% 1,958.92 1,829.28 7.09%
कर-पश्चात लाभ 2,906.46 3,297.52 (11.86%) 6,211.59 7,210.31 (13.85%)

(1), (2): सतत परिचालन राजस्व और सतत अन्य आय में कोयले की कमी के दावों और विलंब भुगतान अधिभार से संबंधित पूर्व अवधि की आय को शामिल नहीं किया गया है। एबिट्डा: ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पूर्व आय

वित्तीय प्रदर्शन के प्रमुख बिंदु

  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में सतत परिचालन राजस्व 13,106.34 करोड़ रुपए रहा, जो वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के 12,949.12 करोड़ रुपए के मुकाबले अधिक है। यह वृद्धि अधिक बिक्री मात्रा के कारण हुई, हालाँकि अंतर्राष्ट्रीय कोयले के कम दाम और पीपीए टैरिफ में कमी के साथ-साथ मर्चेंट टैरिफ में गिरावट से यह आंशिक रूप से प्रभावित रही।
  • वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में सतत परिचालन राजस्व 26,809.28 करोड़ रुपए रहा, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 27,666.01 करोड़ रुपए की तुलना में थोड़ा कम है। इसका मुख्य कारण मर्चेंट टैरिफ और आयातित कोयले की कम कीमतें रहीं।
  • कुछ पावर प्लांट्स में निर्धारित मरम्मत कार्यों और हाल ही में जुड़ी इकाइयों के खर्चों के बावजूद, कंपनी ने दूसरी तिमाही में 5,332.71 करोड़ रुपए का मजबूत एबिट्डा दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 5,402 करोड़ रुपए था।
  • वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में सतत एबिट्डा 11,076.87 करोड़ रुपए दर्ज किया गया, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 11,692.28 करोड़ रुपए के करीब है।
  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही में मूल्यह्रास में वृद्धि नई इकाइयों के जुड़ने की वजह से हुई।
  • नई परियोजनाओं के अधिग्रहण और परिचालन विस्तार के बावजूद, कंपनी ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही और पहली छमाही में वित्तीय लागतों पर स्थिर नियंत्रण बनाए रखा।
  • दूसरी तिमाही में 668.53 करोड़ रुपए की एकमुश्त राजस्व मान्यता दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 597.54 करोड़ रुपए थी। पहली छमाही में यह 1,074.20 करोड़ रुपए रही, जो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 1,019.89 करोड़ रुपए के लगभग समान है। वित्त वर्ष 26 में यह एकमुश्त राजस्व मान्यता काफी कम हुई है, क्योंकि वित्त वर्ष 24 और 25 में सभी प्रमुख नियामकीय मामलों का समाधान हो चुका है और डिस्कॉम्स से बकाया भुगतान प्राप्त हो चुके हैं।
  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कर पश्चात लाभ 2,906.46 करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्त वर्ष 25 की इसी तिमाही में यह 3,297.52 करोड़ रुपए था। लाभ में यह मामूली कमी कर से पहले की कमाई घटने और अधिक कर देनदारी की वजह से हुई।
  • वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में कर पश्चात लाभ 6,211.59 करोड़ रुपए दर्ज किया गया, जो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के 7,210.31 करोड़ रुपए की तुलना में कुछ कम है। इसका प्रमुख कारण कम परिचालन आय और अधिक मूल्यह्रास खर्च रहा।
  • कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है और नकद प्रवाह भी स्थिर है। 30 सितंबर, 2025 तक कंपनी का कुल ऋण 47,253.69 करोड़ रुपए रहा, जो 31 मार्च, 2025 को दर्ज किए गए 38,334.88 करोड़ रुपए की तुलना में अधिक है। इसी अवधि में शुद्ध ऋण 31,023.43 करोड़ रुपए से बढ़कर 36,775.72 करोड़ रुपए हो गया। यह वृद्धि परियोजनाओं में पूँजीगत खर्च और संचालन के लिए कार्यशील पूँजी ऋण की जरूरतों को पूरा करने के कारण हुई है।
  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के दौरान, एपीएल ने 478.33 करोड़ रुपए की मूल राशि वाले अनसिक्योर्ड परपेचुअल सिक्योरिटीज़ (यूपीएस) को पूरी तरह से भुना दिया, जिसमें समस्त बकाया वितरण राशि भी शामिल थी। 30 सितंबर, 2025 तक यूपीएस की कोई भी मूल राशि बकाया नहीं रही।

प्रोजेक्ट अपडेट

एपीएल ने अपनी बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य बढ़ाकर वित्त वर्ष 2031-32 तक 41,870 मेगावाट कर दिया है। इसके लिए कंपनी 23,720 मेगावाट की नई परियोजनाएँ शुरू कर रही है, जिनमें ब्राउनफील्ड और ग्रीनफील्ड दोनों शामिल हैं। कंपनी ने पहले ही प्रमुख मशीनों जैसे अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल बॉयलर, टर्बाइन और जनरेटर की सप्लाई के लिए मुख्य उपकरण निर्माताओं को अग्रिम ऑर्डर दे दिए हैं, जिससे समय पर उपकरण मिलना सुलभ होता है। एपीएल के पास पहले से ही जरूरी जमीन भी है, जो देश के महत्वपूर्ण स्थानों पर मौजूद है। इससे परियोजनाओं को शुरू करने में जमीन से जुड़ी अड़चनें नहीं आएँगी। इन सभी तैयारियों और अदाणी ग्रुप के मजबूत इन-हाउस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट अनुभव के साथ, एपीएल के पास समय पर और कम लागत में अपनी क्षमता बढ़ाने का बड़ा फायदा है। इससे कंपनी भारत की बढ़ती बिजली की जरूरतों को सस्ती और भरोसेमंद आपूर्ति के जरिए पूरा कर सकेगी।

एपीएल के ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजनाओं पर काम तेज़ी से चल रहा है। महान फेज़-II (1,600 मेगावाट यूएससीटीपीपी) का काम 73% पूरा हो चुका है। रायपुर फेज़-II (1,600 मेगावाट यूएससीटीपीपी) का काम 35% पूरा हुआ है। रायगढ़ फेज़-II (1,600 मेगावाट यूएससीटीपीपी) का काम 30% पूरा है। इसके अलावा, एपीएल की पूरी तरह से स्वामित्व वाली कंपनी कोरबा पॉवर लिमिटेड ने कोरबा (छत्तीसगढ़) में अपने 1,320 मेगावाट सुपरक्रिटिकल पॉवर प्रोजेक्ट का निर्माण फिर से शुरू कर दिया है। इन सभी परियोजनाओं को वित्तीय वर्ष 2026-27 से 2028-29 के बीच चरणबद्ध तरीके से पूरा करने की योजना है।

ईएसजी प्रदर्शन

  • सस्टेनालिटिक्स ने एपीएल को 'मीडियम रिस्क' की ईएसजी रेटिंग दी है, जिसका स्कोर 29.2 है, यह जुलाई 2023 के ‘हाई रिस्क’ स्कोर 33.14 से बेहतर है और वैश्विक इलेक्ट्रिक यूटिलिटी इंडस्ट्री के औसत 36.9 से भी अच्छा है।
  • सीएसआर एचयूबी ईएसजी रेटिंग में एपीएल को वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 77% का स्कोर मिला है, जो वैश्विक औसत 51% से काफी बेहतर है।
  • वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में एपीएल की वॉटर इंटेंसिटी परफॉर्मेंस 2.22 एम³ प्रति एमडब्ल्यूएच रही, जो देश के आंतरिक इलाकों में संयंत्रों के लिए तय सरकारी सीमा से काफी कम है।
  • इस तिमाही में अदाणी पॉवर के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) कार्यक्रमों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सतत आजीविका और कम्युनिटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
    • शिक्षा: उत्थान प्रोजेक्ट ने मुंद्रा और मांडवी तालुका में 11,500 से अधिक छात्रों को सहायता दी, जबकि उडुपी में 7,000 छात्रों को स्कूल किट वितरित की गईं। तिरोड़ा में 256 किलोवाट के सोलर यूनिट्स 144 स्कूलों में लगाए गए और रायगढ़ के प्रोजेक्ट उत्थान ने 346 प्रगतिशील छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा।
    • स्वास्थ्य: मुंद्रा में मोबाइल हेल्थ यूनिट्स और रूरल क्लिनिक्स ने हर महीने 1,100 से अधिक मरीजों का इलाज किया। उडुपी की यूनिट ने 1,504 ग्रामीणों तक पहुँच स्थापित की और गोड्डा की चार मोबाइल यूनिट्स ने सिर्फ सितंबर में 7,400 से अधिक मरीजों को लाभ पहुँचाया।
    • सतत आजीविका: वृक्षारोपण अभियानों में वीरानिया में 6,000, तिरोड़ा में 17,090, और गोड्डा में 20,000 पौधे लगाने की योजना बनी। डेयरी और पशुपालन योजनाओं से सैकड़ों किसानों को सहायता मिली। वस्त्र निर्माण केंद्रों ने महिलाओं को रोजगार का साधन प्रदान किया।
    • कम्युनिटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: टूना और रामपर में तालाब गहरे करने का कार्य किया गया। उडुपी में 5,900 ग्रामीणों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया गया और गोड्डा में 792 युवाओं की भागीदारी के साथ खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।
    • अदाणी ग्रुप का एनर्जी नेटवर्क ऑपरेशन सेंटर (ईएनओसी), जो बिजली संपत्तियों की रिमोट मॉनिटरिंग और नियंत्रण करता है, को सीआईआई नेशनल लो-कॉस्ट ऑटोमेशन सर्किल 2025 में ‘बेस्ट एलसीए इन प्रोडक्टिविटी इम्प्रूवमेंट’ श्रेणी में प्लेटिनम अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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