मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट से अदाणी पावर को 1600 मेगावाट क्षमता का एलओए प्राप्त हुआ

अहमदाबाद, 11 सितम्बर, 2025: देश की सबसे बड़ी निजी थर्मल पॉवर कंपनी, अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल) को मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) से कुल 1600 मेगावाट क्षमता का ऑर्डर मिला है। यह ऑर्डर हाल ही में पूरी हुई टेंडर प्रक्रिया के तहत दिया गया है। एपीएल को आज एमपीपीएमसीएल से लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) मिला है, जिसमें 800 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता 'ग्रीनशू ऑप्शन' के तहत दी गई है। इससे पहले भी इसी बोली प्रक्रिया में कंपनी ने 800 मेगावाट की क्षमता हासिल की थी। पिछले 12 महीनों में यह कंपनी का पाँचवाँ बड़ा पॉवर सप्लाई ऑर्डर है। अब तक एपीएल को कुल मिलाकर 7,200 मेगावाट क्षमता के ऑर्डर मिल चुके हैं।

अतिरिक्त 800 मेगावाट की यह क्षमता उसी टैरिफ पर दी गई है, जो पहले मिले 800 मेगावाट ऑर्डर के लिए तय किया गया था, यानि 5.838 रुपए प्रति यूनिट। इसके तहत एपीएल मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में बनने वाले 1600 मेगावाट (800 मेगावाट x 2) अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पॉवर यूनिट से बिजली सप्लाई करेगा। यह यूनिट डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन और ऑपरेट (डीबीएफओओ) मॉडल पर बनाई जाएगी। दोनों यूनिट्स नियुक्ति की तारीख से 60 महीनों के भीतर चालू कर दी जाएँगी। कंपनी इस प्रोजेक्ट और उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 21,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।

यह विकास भारत में किसी थर्मल पॉवर टेंडर के तहत ग्रीनशू विकल्प को अपनाने का अपनी तरह का पहला उदाहरण है। कोयला-आधारित बिजली खरीद में इस नई व्यवस्था से मध्यप्रदेश को तेज़ी से बढ़ती औद्योगिकीकरण और शहरीकरण की वजह से बढ़ती बिजली माँग को पूरा करने में मदद मिलेगी और इससे राज्य की ऊर्जा सुरक्षा भी और मजबूत होगी।

अदाणी पॉवर के मुख्य कार्यकारी अधिकार एस.बी. ख्यालिया ने कहा, "हमें खुशी है कि अदाणी पॉवर को न सिर्फ मध्यप्रदेश में शुरुआती 800 मेगावाट का प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है, बल्कि 'ग्रीनशू ऑप्शन' के तहत अतिरिक्त 800 मेगावाट क्षमता भी हासिल हुई है। यह हमारे उस संकल्प को मजबूत करता है, जिसके तहत हम राज्य और यहाँ के लोगों को भरोसेमंद, किफायती और टिकाऊ बिजली उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ मध्यप्रदेश के साथ हमारी दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करता है, बल्कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास में योगदान के हमारे प्रयासों को भी दर्शाता है।"

इस पॉवर प्लांट के लिए कोयले की सप्लाई भारत सरकार की शक्ति नीति के तहत आवंटित की गई है। निर्माण के दौरान इस प्रोजेक्ट से लगभग 9,000-10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और संचालन शुरू होने के बाद करीब 2,000 लोगों को स्थायी रोजगार प्राप्त होगा। कंपनी को उम्मीद है कि जल्द ही राज्य के डिस्कॉम के साथ पॉवर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) पर हस्ताक्षर कर दिए जाएँगे।

सितंबर 2024 में, अदाणी ग्रीन एनर्जी के साथ मिलकर कंपनी को महाराष्ट्र सरकार से 6,600 मेगावाट (5,000 मेगावाट सोलर और 1,600 मेगावाट थर्मल) बिजली सप्लाई ऑर्डर के लिए एलओआई मिला था। मई 2025 में इसे उत्तर प्रदेश सरकार से 1,600 मेगावाट क्षमता वाले ग्रीनफील्ड प्लांट से बिजली सप्लाई का एलओए मिला। अगस्त 2025 में कंपनी को बिहार सरकार से 2,400 मेगावाट क्षमता के नए पॉवर प्लांट से बिजली सप्लाई का एलओए प्राप्त हुआ। वहीं, पिछले महीने इसे मध्यप्रदेश से 800 मेगावाट का एलओए मिला था, जो अब एमपीपीएमसीएल द्वारा 'ग्रीनशू ऑप्शन' अपनाने के बाद बढ़कर 1,600 मेगावाट हो गया है।

अदाणी पॉवर भारत की बढ़ती बेस लोड डिमांड को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा कैपेक्स प्रोग्राम लागू कर रहा है। कंपनी की मौजूदा परिचालन क्षमता 12 थर्मल पॉवर प्लांट्स (टीपीपी) से 18.15 गीगावाट है और इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2031-32 तक कुल 41.87 गीगावाट उत्पादन क्षमता हासिल करना है।

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