विश्वविद्यालयों को नई रिसर्च और कॉर्पोरेट्स को उन रिसर्च को तेज़ी से बड़े पैमाने पर लागू करने पर ज़ोर देना चाहिए। और मिलकर हमें ऐसा प्रभाव पैदा करना होगा, जो सिर्फ बाज़ारों में नहीं, बल्कि भारतीय समाज के ताने-बाने में भी दिखे।