चेयरमैन के ऑफ़िस से

सच्चे अर्थों में सेवा ही राष्ट्रभक्ति का सर्वोच्च स्वरूप है। सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है।
गौतम अदाणी
चेयरमैन, अदाणी ग्रुप
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