अपने मुख्य भाषण में डॉ. प्रीति अदाणी ने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक विकास में अगला बड़ा कदम सहयोग पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि हर परोपकारी, संस्था, एनजीओ और साझेदार को एक ही मंच पर लाना जरूरी है, ताकि प्रयास एक-दूसरे के साथ तालमेल में हों, सीख साझा हो और प्रभाव कई गुना बढ़े। डॉ. अदाणी ने श्रोताओं को याद दिलाया कि समाज कल्याण की असली ताकत अलग-अलग योगदानों में नहीं, बल्कि एकजुट प्रयास में है। उन्होंने कहा, "हमें सिर्फ दाता नहीं, साथ में निर्माता बनना होगा। असली बदलाव तब आता है जब हम साझेदार बनकर संसाधनों को जोड़ें और बाधाओं को तोड़ें।"
उन्होंने एक ऐसे सहयोगी मंच की भी माँग की, जहाँ दुनियाभर के परोपकारी लोग संख्याओं से आगे बढ़कर मानव कहानियों पर ध्यान दें। कहानियाँ गरिमा, साहस और बदलाव की। उन्होंने कहा, "प्रभाव कभी-भी सिर्फ आँकड़ों में नहीं होता। असली कहानी उनके पीछे छिपी उम्मीद, बदलाव और सशक्तिकरण की कहानियों में होती है।"