अहमदाबाद, 19 जून 2025: विविधीकृत अदाणी पोर्टफोलियो की सीमेंट और निर्माण सामग्री कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी ने एक महत्वपूर्ण सतत विकास की उपलब्धि हासिल की है। ये दोनों कंपनियाँ अपने क्षेत्र में भारत की ऐसी अग्रणी सीमेंट कंपनियाँ बन गई हैं जिनके नेट-ज़ीरो लक्ष्य को Science Based Targets initiative (SBTi) द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है। SBTi का Corporate Net-Zero Standard दुनिया में कॉर्पोरेट नेट-ज़ीरो लक्ष्य निर्धारण के लिए जलवायु विज्ञान आधारित एकमात्र रूपरेखा है।
एसबीटीआई सत्यापन कंपनियों की एक स्थायी और जिम्मेदार व्यवसाय बनाने की प्रतिबद्धता को साबित करता है, जो आसान नहीं है बल्कि जो आवश्यक है उसे करके और उन्हें कम कार्बन संक्रमण के कॉर्पोरेट नेताओं के रूप में स्थान देकर। यह मान्यता उन्हें भारत के औद्योगिक डीकार्बनाइजेशन के अग्रिम पंक्ति में लाती है — जो पेरिस समझौते के 1.5°C लक्ष्य को पाने के लिए आवश्यक गति और स्तर पर उत्सर्जन में कटौती के लिए संकल्पित हैं।
श्री विनोद बाहेती, सीईओ – सीमेंट व्यवसाय, अदाणी समूह ने कहा: "हम अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी की दीर्घकालिक परंपरा पर बहुत गर्व करते हैं, जो सस्टेनेबिलिटी संबंधी पहल में अग्रणी है, क्योंकि हम जलवायु संकट में कार्य करने की एक मजबूत जिम्मेदारी महसूस करते हैं। SBTi कॉर्पोरेट जलवायु लक्ष्यों के लिए सबसे उच्च मानक है। हमारे लक्ष्यों को SBTi द्वारा मान्यता मिलने से हम यह सुनिश्चित करते हैं कि विकास और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व साथ-साथ चल सकते हैं। हम दुनिया के 9वें सबसे बड़े सीमेंट निर्माता हैं और Cemex, Heidelberg और Holcim के बाद इतने बड़े पैमाने पर नेट-ज़ीरो मान्यता प्राप्त करने वाली इकलौती भारतीय कंपनी हैं। यह यात्रा यहीं नहीं रुकती — यह एक और कदम है हमारे सतत और डीकार्बनाइज्ड विश्व के लक्ष्य की ओर।"
दोनों कंपनियाँ यह समझती हैं कि प्रदूषण (उत्सर्जन) को तेजी और गहराई से घटाना बहुत जरूरी है। वे लंबे समय से पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाकर उद्योग में बदलाव लाने का काम कर रही हैं। कंपनियाँ सीधे प्रदूषण को कम करने पर ज़ोर देंगी और जो थोड़ा-बहुत प्रदूषण बचेगा, उसे भी तय नियमों के अनुसार संतुलित करेंगी। हरित ऊर्जा, वैकल्पिक ईंधन (एएफआर - Alternate Fuels and Raw Materials), और कच्चे माल, ऊर्जा की बचत, नई तकनीक और नवाचार जैसे प्रयासों से इन लक्ष्यों को तय करने में मदद मिली है।
अंबुजा सीमेंट्स दुनिया की पहली सीमेंट कंपनी है जो अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) द्वारा संचालित एलायंस फॉर इंडस्ट्री डीकार्बोनाइजेशन (AFID) में शामिल हुई है। साथ ही, यह विश्व आर्थिक मंच (WEF) की ट्रांजिशनिंग इंडस्ट्रियल क्लस्टर पहल की भी सदस्य है।
अदाणी समूह की सहयोगी ताकत इस प्रयास की मुख्य आधार है। समूह ने भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्य को पूरा करने के लिए 100 अरब अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है। इसके तहत 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता को 14.2 गीगावाट से बढ़ाकर 50 गीगावाट किया जा रहा है और हरित हाइड्रोजन पर आधारित एक मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है।
इस योजना के तहत, अंबुजा सीमेंट्स का लक्ष्य वित्त वर्ष 2028 तक अपनी कुल बिजली जरूरत का 60 प्रतिशत हरित और नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करना है, जिसमें 1 गीगावाट सौर व पवन ऊर्जा और 376 मेगावाट वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम (WHRS) शामिल हैं। इनमें से अब तक 299 मेगावाट और 186 मेगावाट क्षमता पहले ही स्थापित की जा चुकी है।
अदाणी समूह के सहयोग से, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी उत्सर्जन में तेजी से कमी लाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने में सक्षम बन रही हैं।
यह मान्यता सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी है। अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी यह दिखा रही हैं कि जलवायु परिवर्तन पर ठोस कदम न केवल संभव हैं, बल्कि ज़रूरी भी हैं — और इन पर काम शुरू हो चुका है।