परिचालन क्षमता बढ़ी, बिजली उत्पादन हुआ 25.7 बिलियन यूनिट
अहमदाबाद, 1 अगस्त, 2025: अदाणी ग्रुप की कंपनियों में शामिल अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल) ने आज 30 जून, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे जारी किए। परिणामों पर टिप्पणी करते हुए, अदाणी पॉवर लिमिटेड के सीईओ एस. बी. ख्यालिया ने कहा, "वर्तमान तिमाही में अदाणी पॉवर का स्थिर वित्तीय प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि कंपनी ने बिजली माँग में उतार-चढ़ाव और मौसम की अनिश्चितता के बावजूद अपनी मजबूती और क्षमता को बनाए रखा है। हम तेज़ी से प्रोजेक्ट पूरे कर रहे हैं और जरूरी कंपनियों का अधिग्रहण कर अपनी क्षमता लगातार बढ़ा रहे हैं, ताकि 2030 तक 30 गीगावाट के लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सके। हमने अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल बॉयलर, टर्बाइन और जनरेटर जैसे जरूरी उपकरणों की समय से पहले आपूर्ति सुनिश्चित कर ली है, जिससे हमारी प्रतिस्पर्धात्मक ताकत और बढ़ी है और देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है। हम टिकाऊ विकास और संचालन की उत्कृष्टता के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं, ताकि देश की तरक्की के लिए भरोसेमंद और किफायती बिजली लगातार उपलब्ध कराई जा सके।"
ऑपरेशनल प्रदर्शन
पैरामीटर |
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही |
वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही |
वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही |
वित्त वर्ष 25 |
स्थापित क्षमता (मेगावाट) |
17,550 |
17,550 |
15,250 |
17,550 |
प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) |
67.0% |
74.2% |
78.0% |
70.5% |
बेची गई इकाइयाँ (बीयू) |
24.6 |
26.3 |
24.2 |
95.9 |
मेगावाट: मेगावाट; बीयू: बिलियन यूनिट
- समेकित परिचालन क्षमता वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 15,250 मेगावॉट से बढ़कर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 17,550 मेगावॉट हो गई। यह वृद्धि मोक्सी पॉवर जनरेशन लिमिटेड की 1,200 मेगावॉट, कोरबा पॉवर लिमिटेड की 600 मेगावॉट और अदाणी दहानू थर्मल पॉवर स्टेशन की 500 मेगावॉट की इकाइयों के अधिग्रहण के कारण हुई। जुलाई 2025 में विदर्भ इंडस्ट्रीज़ पॉवर लिमिटेड की 600 मेगावॉट क्षमता के अधिग्रहण के साथ यह कुल क्षमता बढ़कर 18,150 मेगावॉट तक पहुँच गई।
- वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में मानसून समय से पहले आ जाने के कारण बिजली की माँग प्रभावित हुई, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में लू जैसी परिस्थितियों के चलते माँग में तेज़ी देखी गई थी। इसके कारण पूरे देश की ऊर्जा माँग में (-) 1.6% की गिरावट दर्ज हुई, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के 452.4 बिलियन यूनिट की तुलना में घटकर 445.2 बिलियन यूनिट रही।
- वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में पीक डिमांड भी (-) 2.8% कम रही, जो 250 गीगावॉट से घटकर 243 गीगावॉट रह गई। इसका असर मर्चेंट डिमांड और टैरिफ पर पड़ा।
- बिजली की माँग और मौसम की अनिश्चितता के चलते इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर औसत मार्केट क्लियरिंग प्राइस सालाना आधार पर 16% घटकर 4.41 रुपए प्रति यूनिट रह गया। इस अवधि में डे-अहेड मार्केट का वॉल्यूम भी 7% घटकर 12,399 मिलियन यूनिट रहा।
- ऊर्जा माँग में गिरावट के बावजूद, अदाणी पॉवर लिमिटेड ने अपनी परिचालन क्षमता में वृद्धि और कुछ संयंत्रों में बेहतर ऑफटेक के चलते बिजली बिक्री में 1.6% की वृद्धि दर्ज की।
- वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में मर्चेंट सेल्स 7.7% बढ़कर 5.7 बिलियन यूनिट रही, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में यह 5.3 बिलियन यूनिट थी।
कमर्शियल अपडेट
- गोड्डा पॉवर प्लांट को बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड से नियमित भुगतान मिलने लगे हैं। जून 2025 में 437 मिलियन अमेरिकी डॉलर और जुलाई 2025 में 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान हुआ।
- अदाणी पॉवर (झारखंड) लिमिटेड (एपीजेएल) का विलय उसकी होल्डिंग कंपनी अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल) के साथ 1 अप्रैल, 2024 से प्रभावी हुआ है। यह विलय एनसीएलटी अहमदाबाद पीठ की मंजूरी के बाद संपन्न हुआ। इस विलय के साथ गोड्डा प्लांट की 1,600 मेगावॉट उत्पादन क्षमता अब एपीएल की स्वतंत्र इकाई का हिस्सा बन गई है।
- विलय के पश्चात गोड्डा पॉवर प्लांट की क्रेडिट रेटिंग को बीबीबी/स्थिर से बढ़ाकर एए/स्थिर कर दिया गया है, जिससे इसके वित्तीय खर्चों में कमी आएगी।
- विदर्भ इंडस्ट्रीज़ पॉवर लिमिटेड (वीआईपीएल) दिवाला और दिवालियापन संहिता के अंतर्गत कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया से गुजर रही थी, जिसका अधिग्रहण अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल) ने 7 जुलाई, 2025 को किया। यह अधिग्रहण एनसीएलटी मुंबई पीठ की मंजूरी के पश्चात हुआ। वीआईपीएल महाराष्ट्र के नागपुर जिले के बुटीबोरी में 2x300 मेगावॉट (कुल 600 मेगावॉट) की ताप विद्युत परियोजना संचालित करती है। इस अधिग्रहण के साथ एपीएल की कुल परिचालन क्षमता 18,150 मेगावॉट हो गई है, जिससे महाराष्ट्र जैसे औद्योगिक राज्य में कंपनी की स्थिति और सुदृढ़ हो गई है।
- अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल) ने उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ एक विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित 2x800 मेगावॉट (कुल 1,600 मेगावॉट) की नई अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल परियोजना से 25 वर्षों तक 1,500 मेगावॉट (नेट) बिजली आपूर्ति के लिए है। इसके साथ ही एपीएल के पास अब अपनी आगामी 12,520 मेगावॉट विस्तार परियोजनाओं में से 4,520 मेगावॉट क्षमता के लिए पीपीए अनुबंध हो चुके हैं।
वित्तीय प्रदर्शन
विवरण (करोड़ रुपए में) |
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही |
वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही |
परिवर्तन +/- |
वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही |
परिवर्तन +/- |
वित्त वर्ष 25 |
परिचालन से सतत राजस्व(1) |
13,702.94 |
14,716.89 |
(6.89%) |
14,145.31 |
(3.13%) |
54,502.81 |
निरंतर अन्य आय(2) |
464.55 |
334.71 |
38.79% |
377.08 |
23.20% |
1,969.91 |
कुल सतत राजस्व |
14,167.49 |
15,051.60 |
(5.87%) |
14,522.39 |
(2.44%) |
56,472.72 |
कुल रिपोर्ट किया गया राजस्व |
14,573.70 |
15,473.95 |
(5.82%) |
14,535.60 |
0.26% |
58,905.83 |
निरंतर एबिट्डा |
5,743.62 |
6,290.28 |
(8.69%) |
5,097.62 |
12.67% |
21,575.07 |
रिपोर्ट किया गया एबिट्डा |
6,149.83 |
6,712.63 |
(8.38%) |
5,110.83 |
20.33% |
24,008.18 |
कर-पूर्व सतत लाभ |
3,798.10 |
4,483.16 |
(15.28%) |
3,248.07 |
16.93% |
13,926.40 |
कर-पूर्व सूचित लाभ |
4,204.31 |
4,905.51 |
(14.29%) |
3,261.28 |
28.92% |
16,359.51 |
कर व्यय / (क्रेडिट) |
899.18 |
992.72 |
(9.42%) |
662.05 |
35.82% |
3,609.90 |
कर-पश्चात लाभ |
3,305.13 |
3,912.79 |
(15.53%) |
2,599.23 |
27.16% |
12,749.61 |
(1), (2): सतत परिचालन राजस्व और सतत अन्य आय में कोयले की कमी के दावों और विलंबित भुगतान अधिभार के कारण पूर्व अवधि की आय मान्यता शामिल नहीं है। एबिट्डा: ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई
मुख्य वित्तीय बिंदु
- वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में अदाणी पॉवर ने 13,703 करोड़ रुपए का मजबूत सतत परिचालन राजस्व अर्जित किया, जो कि आयातित कोयले की कम कीमतों और कम व्यापारिक शुल्कों के कारण वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में दर्ज 14,717 करोड़ रुपए की तुलना में थोड़ी कम रही।
- वित्त वर्ष 25-26 की पहली तिमाही में अदाणी पॉवर ने 5,744 करोड़ रुपए का मजबूत सतत एबिट्डा अर्जित किया। यह पिछले साल की पहली तिमाही में हुए 6,290 करोड़ रुपए के मुकाबले थोड़ा कम रहा, लेकिन ईंधन लागत में कमी से इसे सहारा मिला, भले ही टैरिफ कम रहे और हालिया अधिग्रहणों की वजह से संचालन लागत बढ़ी।
- हाल ही में अधिग्रहित बिजली संयंत्रों के चलते कंपनी का मूल्यह्रास खर्च बढ़ा है।
- नई परियोजनाएँ जुड़ने और कार्यों के विस्तार के बावजूद वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में वित्त लागत पर नियंत्रण बना रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर संकेत है।
- इस तिमाही में पुराने मामलों से जुड़े एकमुश्त राजस्व की मान्यता 406 करोड़ रुपए रही, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 422 करोड़ रुपए थी। प्रमुख नियामकीय मामलों के समाधान और वित्त वर्ष 24 व 25 में डिस्कॉम से बकाया राशि मिलने के बाद एकमुश्त राजस्व में काफी कमी देखी गई है।
- वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कर पश्चात लाभ (पीएटी) 3,305 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3,913 करोड़ रुपए था।
- अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल) की बैलेंस शीट स्थिति मजबूत बनी हुई है और नकदी प्रवाह भी संतुलित है। 30 जून, 2025 तक कुल बकाया कर्ज 44,372 करोड़ रुपए रहा, जबकि 31 मार्च, 2025 को यह 38,335 करोड़ रुपए था। नेट कर्ज की स्थिति इन दोनों तारीखों को क्रमशः 37,437 करोड़ रुपए और 31,023 करोड़ रुपए रही। कर्ज में वृद्धि का मुख्य कारण पूँजीगत व्यय और कार्यशील पूँजी की जरूरतों के लिए लिया गया ब्रिज फाइनेंस है, जो कंपनी के कार्यों के विस्तार के अनुरूप है।
- पहली तिमाही के दौरान, एपीएल ने अपने परिचालन अधिशेष से 2,579 करोड़ रुपए मूल्य के अनसुरक्षित सतत प्रतिभूतियों (यूपीएस) को भुना लिया। 30 जून, 2025 तक यूपीएस की बाकि मूलधन राशि 478 करोड़ रुपए रह गई है।
प्रोजेक्ट अपडेट
अदाणी पॉवर ने साल 2030 तक अपनी स्थापित क्षमता को बढ़ाकर 30,670 मेगावॉट करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत कंपनी 12,520 मेगावॉट की कुल क्षमता वाले सात ब्राउनफील्ड पॉवर प्रोजेक्ट्स और एक ग्रीनफील्ड पावर प्रोजेक्ट की स्थापना कर रही है। तीन अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल पॉवर प्लांट्स की स्थापना का कार्य तेज़ी से चल रहा है, जिनमें प्रत्येक की क्षमता 2x800 मेगावाट (1,600 मेगावाट) है। ये प्लांट्स मध्यप्रदेश के महान और छत्तीसगढ़ के रायपुर व रायगढ़ में पहले से मौजूद साइट्स पर बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई केपीएल को कोरबा (छत्तीसगढ़) स्थित 2x660 मेगावॉट (1,320 मेगावॉट) के सुपरक्रिटिकल पॉवर प्रोजेक्ट के पुनरुद्धार के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त हो गई है और इस परियोजना का कार्य एक बार फिर शुरू कर दिया गया है।
एपीएल के पास 12,520 मेगावाट की विस्तार योजना के लिए रणनीतिक स्थानों पर पहले से ही आवश्यक भूमि है, जिससे परियोजना क्रियान्वयन में आने वाली एक बड़ी बाधा समाप्त हो गई है। इसके अलावा, कंपनी ने एक अग्रणी भारतीय मूल उपकरण निर्माता को अग्रिम ऑर्डर देकर अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल बॉयलर, टर्बाइन और जनरेटर जैसे प्रमुख उपकरणों की आपूर्ति भी सुनिश्चित कर ली है, जिससे समय पर पूँजीगत उपकरण उपलब्ध हो सकें। इन दूरदर्शी कदमों के साथ-साथ अदाणी ग्रुप की आंतरिक परियोजना प्रबंधन विशेषज्ञता एपीएल को समयबद्ध और लागत प्रभावी तरीके से क्षमता विस्तार हासिल करने में अभूतपूर्व बढ़त देती है। इससे कंपनी देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को विश्वसनीय और किफायती आपूर्ति के माध्यम से पूरा करने में सक्षम होगी।
नई परियोजनाओं में अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक को अपनाने का निर्णय एपीएल को अधिक ईंधन दक्षता के साथ बिजली उत्पादन में सक्षम बनाएगा, जिससे कोयले की खपत कम होगी और ईंधन परिवहन व बिजली उत्पादन दोनों में उत्सर्जन में कमी आएगी। ये
परियोजनाएँ न सिर्फ स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर दे रही हैं और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति दे रही हैं, बल्कि ग्रिड को स्थिर बनाए रखने के लिए बेस लोड और पीकिंग पावर की आपूर्ति करके नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतर समावेशन को भी संभव बनाएँगी।
ईएसजी प्रदर्शन
- एपीएल की जल खपत तीव्रता वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 2.21 घन मीटर प्रति मेगावाट घंटा रही, जो अंतर्देशीय संयंत्रों के लिए तय मानक सीमा से काफी कम है। वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में यह आँकड़ा 2.41 घन मीटर प्रति मेगावाट घंटा था।
- एपीएल ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में फ्लाई ऐश के 110 प्रतिशत उपयोग का लक्ष्य हासिल किया है, जो इसके सतत और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्ध प्रयासों को दर्शाता है।
- अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रम के तहत एपीएल देशभर में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में सक्रिय है। 'उत्थान' परियोजना के अंतर्गत मुंद्रा तालुका की 77 सरकारी स्कूलों को गोद लिया गया है, जिससे 11,663 छात्रों को लाभ मिला है। साथ ही मोबाइल हेल्थ यूनिट्स और ग्रामीण क्लीनिकों के जरिए हज़ारों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की गई हैं।
- सतत आजीविका और सामुदायिक जुड़ाव कार्यक्रमों के तहत एपीएल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सक्रिय है। साथ ही वृक्षारोपण और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास जैसी पहलों से ग्रामीण समुदायों को भी व्यापक लाभ मिला है।