उन्होंने कहा, "आप उस सभ्यता के वारिस हैं, जिसने गहराई से सोचा, साहस के साथ बनाया और नैतिक नेतृत्व किया। इस विरासत को अपने करियर में सिर्फ इतिहास या याद के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में आगे बढ़ाएँ।"
डॉ. अदाणी ने स्नातकों को आवेदन के अनुरूप रिसर्च करने, विभिन्न क्षेत्रों के विचार अपनाने और उद्देश्य और नैतिकता पर आधारित नवाचार के जरिए भारत के विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी के नए, भविष्य के अनुरूप कैंपस की योजना भी दोहराई, जिसे रिसर्च, सहयोग और उद्योग से जुड़ी शिक्षा के लिए डिजाइन किया जा रहा है।