अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी का शेयरधारकों को संदेश

24 सितम्बर, 2025


प्रिय शेयरधारकों,

24 जनवरी, 2023 की सुबह ऐसी थी, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उस दिन की खबरें सिर्फ दलाल स्ट्रीट तक ही सीमित नहीं रहीं, बल्कि उसने पूरे देश और यहाँ तक कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सिर्फ अदाणी ग्रुप पर सवाल नहीं थी, बल्कि भारतीय कंपनियों की उस हिम्मत पर भी चोट थी, जो दुनिया के स्तर पर बड़े सपने देखने की ताकत रखती हैं।

हमारे लिए यह वक्त एक ऐसी परीक्षा थी, जिसने हर स्तर पर हमारी मजबूती को परखा, हमारे गवर्नेंस से लेकर हमारे लक्ष्य तक और यहाँ तक कि इस सोच तक कि क्या भारतीय कम्पनियाँ सचमुच दुनिया का नेतृत्व कर सकती हैं।

लेकिन पिछले हफ्ते भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने साफ और अंतिम फैसला सुनाया कि हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद थे।

सच्चाई सामने आई और जैसा कि हमने हमेशा कहा था- सत्यमेव जयते।

जो हमें गिराने के लिए किया गया, उसने हमारी नींव और भी मजबूत बना दिया।

यह सिर्फ एक रेग्युलेटरी क्लियरेंस नहीं है, बल्कि इस बात का सबूत है कि आपकी कंपनी हमेशा पारदर्शिता, गवर्नेंस और स्पष्ट लक्ष्य के साथ काम करती आई है। हमारी असली ताकत सिर्फ बातों में नहीं, बल्कि इस दौरान दिखाए गए प्रदर्शन में है।

एबिट्डा ग्रोथ: हमारे पोर्टफोलियो का एबिट्डा वित्त वर्ष 2023 में 57,205 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 89,806 करोड़ रुपए पहुँच गया। यानि 32,601 करोड़ रुपए की बढ़त, लगभग 57% की ग्रोथ और दो साल में 25% सीएजीआर।

एसेट एक्सपांशन: हमारा ग्रॉस ब्लॉक वित्त वर्ष 2023 में 4,12,318 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 6,09,133 करोड़ रुपए हो गया। यानि लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का इजाफा तथा सिर्फ दो वर्षों में 48% बढ़ोतरी।

इसी दौरान हमने कई ऐसे बड़े काम पूरे किए, जिन्होंने न सिर्फ भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को नया रूप दिया, बल्कि उसकी वैश्विक पहचान भी और मजबूत की:

  • केरल के विझिंजम में देश का पहला कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट शुरू किया, साथ ही कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल भी।
  • 6 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी, जिसमें खावड़ा भी शामिल है, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी एकल-स्थान वाली रिन्यूएबल परियोजना है।
  • दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर स्मेल्टर और मेटलर्जिकल कॉम्प्लेक्स तैयार किया।
  • भारत और विदेशों में 7,000 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें और 4 गीगावॉट नई थर्मल क्षमता जोड़ी।

जो चोट हमें देने के लिए की गई थी, वही हमारे लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इसने हमारी नींव को और मजबूत किया, हमारे सपनों को और बड़ा बनाया और हमें यह भरोसा दिया कि भारत के भविष्य के लिए हम तेज़ी और मजबूती से आगे बढ़ेंगे।

तूफान चाहे जितना भी बड़ा था, मुझे हमेशा अहसास रहा कि इसने हमारे निवेशकों, बैंकर्स, सप्लायर्स और पार्टनर्स के मन में चिंता पैदा कर दी। लेकिन, आपका भरोसा ही हमारी सबसे बड़ी ताकत बना। आपके धैर्य ने हमें सहारा दिया और आपके विश्वास ने हमें और मजबूत बनाया। इस असाधारण समर्थन के लिए मैं दिल से आभारी हूँ।

आगे की ओर देखते हुए, मेरा वादा है कि हम:

  • गवर्नेंस के ऐसे मानक स्थापित करेंगे, जो हर मार्केट और रेग्युलेटर में भरोसा जगाएँ।
  • इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को और तेज़ करेंगे, ताकि हम सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में नए बेंचमार्क तय करें।
  • राष्ट्र निर्माण पर और दोगुना ज़ोर देंगे, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करेंगे, जो भारत की लंबी अवधि की विकास की कहानी को शक्ति दे।

यह क्षण भरोसा लौटाने का नहीं है, बल्कि यह याद दिलाने का है कि आपकी कंपनी किन मूल्यों पर खड़ी है- मुश्किलों में मजबूती, काम में ईमानदारी और भारत व दुनिया के उज्ज्वल भविष्य के लिए अडिग प्रतिबद्धता।

अंत में मैं श्री सोहनलाल द्विवेदी की कुछ पंक्तियाँ साझा करना चाहूँगा, जो हमारी यात्रा की असली भावना को बयाँ करती हैं:

“लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती…”

नए विश्वास और कृतज्ञता के साथ, मैं आपके साथ मिलकर हमारी ग्रोथ स्टोरी के अगले और सबसे बेहतरीन अध्याय लिखने की ओर देख रहा हूँ, एक ऐसा भविष्य, जो भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप हो।

संकल्प और सम्मान सहित,

गौतम अदाणी

चेयरमैन, अदाणी समूह

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